Dastak Hindustan

भारत की जीडीपी वृद्धि दर में सुधार की संभावना, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली:- भारत की आर्थिक वृद्धि दर में तीसरी तिमाही में सुधार होने की संभावना है जो कि 6.2 प्रतिशत तक पहुंच सकती जो कि दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत थी यह अनुमान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी और जीवीए वृद्धि दर के बीच नकारात्मक अंतर जो कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में देखा गया था तीसरी तिमाही में समाप्त हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है “हम तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में सुधार का अनुमान लगाते हैं जो कि 6.2 प्रतिशत तक पहुंच सकती है जो कि दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत थी।” हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीडीपी आंकड़ों में प्रतिबिंबित होने वाले नेट इंडायरेक्ट टैक्स की वृद्धि दर और वित्तीय आंकड़ों में एक डिस्कनेक्ट हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तिमाही में वित्तीय आंकड़ों में नेट इंडायरेक्ट टैक्स की वृद्धि दर में कमी से जीडीपी-जीवीए वृद्धि दर के बीच नकारात्मक अंतर का जोखिम बना रह सकता है।

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के साथ-साथ सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे वर्ष के जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.4 प्रतिशत पर बना हुआ है जिसके लिए दूसरी छमाही में 6.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि की आवश्यकता होगी जो कि पहली छमाही में 6 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि अनुमान में संभावित नीचे की ओर जोखिम को स्वीकार करते हुए यह सुझाव दिया गया है कि डेटा संशोधन के बाद ही अनुमान को समायोजित किया जाना चाहिए। पिछले रुझानों से पता चलता है कि जीडीपी अनुमान अक्सर महत्वपूर्ण रूप से संशोधित किए जाते हैं जो अंतिम आंकड़ों को प्रभावित करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि पिछले वर्ष के आंकड़ों को नीचे की ओर संशोधित किया जाता है तो तीसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में ऊपर की ओर जोखिम हो सकता है। यह संशोधन रुझान पहले के जीडीपी रिलीज में देखा गया है जो अंतिम अनुमानों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *