नई दिल्ली:- भारत सरकार सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह फैसला मार्च 2026 में समाप्त होने वाले मुआवजा सेस के बाद लिया जा सकता है। वर्तमान में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर 28% जीएसटी दर लागू है इसके अलावा अन्य शुल्क और सेस भी लगते हैं, जिससे कुल कर दर 53% हो जाती है। सरकार जीएसटी दर को 40% तक बढ़ाने पर विचार कर रही है जो कि जीएसटी की उच्चतम दर है।
इस फैसले से सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं जिससे उपभोक्ताओं पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, सरकार का मकसद तंबाकू उत्पादों से प्राप्त राजस्व को स्थिर रखना है जो कि मुआवजा सेस समाप्त होने के बाद प्रभावित हो सकता है। जीएसटी परिषद ने इस मुद्दे पर एक मंत्री समूह का गठन किया है जो विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगा और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा जीएसटी परिषद इस रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला लेगा। इस बीच सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के शेयरों में गिरावट देखी गई है। आईटीसी और गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के शेयरों में 3% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
तंबाकू उद्योग पर जीएसटी का प्रभाव
तंबाकू उद्योग पर जीएसटी का प्रभाव पड़ा है लेकिन यह प्रभाव मामूली है। जीएसटी के बाद सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की कीमतें मामूली रूप से बढ़ी हैं हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सिफारिश की है कि तंबाकू उत्पादों पर कम से कम 75% का कर लगाया जाना चाहिए भारत में तंबाकू उत्पादों पर वर्तमान में 53% का कर लगाया जाता है इस प्रकार सरकार का जीएसटी दर बढ़ाने का फैसला तंबाकू उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव को और बढ़ा सकता है।