शिमला (हिमाचल प्रदेश):- हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के रेल परियोजना को लेकर दिए बयान को भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है।
मंत्रियों ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन की शुरुआती लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी जिसमें केंद्र सरकार ने 75% राशि देने का वादा किया था। लेकिन अब इस परियोजना की लागत 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है और भूमि अधिग्रहण की लागत भी 70 करोड़ से बढ़कर 1,100 करोड़ रुपये हो गई है। केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए अतिरिक्त धनराशि देने से इनकार कर दिया है जिससे पूरा खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ रहा है।
मंत्रियों ने कहा कि 1 मार्च 2023 से हिमाचल सरकार ने रेलवे विकास परियोजनाओं के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) को 300 करोड़ रुपये दिए हैं जो केंद्रीय मंत्री के दावों को गलत साबित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि रेल मंत्रालय की “पिंक बुक” में राज्यों के लिए बजटीय प्रावधान दर्ज होते हैं, लेकिन हिमाचल के लिए 11,806 करोड़ रुपये की राशि विशेष अनुदान नहीं बल्कि बजटीय अनुमान मात्र है।
उत्तराखंड को अधिक, हिमाचल को कम सहायता
मंत्री जगत नेगी ने कहा कि 2014 से 2024 के बीच उत्तराखंड की तुलना में हिमाचल को केंद्र सरकार से कम वित्तीय सहायता सहायता है। उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहकारी संघवाद की बात करते हैं लेकिन भाजपा नेता इस सहायता को केंद्र की उदारता के रूप में दिखाते हैं।