उतरौला/बलरामपुर (उत्तर प्रदेश):- जिले में शासन के दिशा-निर्देश पर चलाए जा रहे नियमित टीकाकरण अभियान के तहत उतरौला ब्लाक के ग्राम सेखुइया व फकीरनडीह में पिछले कई महीनों से नियमित टीकाकरण से मना करने वाले परिवारों को एसडीएम अवधेश कुमार व ब्लाक रिस्पॉन्स टीम (बीआरटी) अधीक्षक डॉ चन्द्र प्रकाश, डीआईओ डॉ ए के शुक्ला, डीएमसी युनिसेफ शिखा श्रीवास्तव, बीएमसी अजय प्रताप मिश्रा, आशुतोष उपाध्याय प्रदीप तिवारी द्वारा टीकाकरण के फायदे के बारे में समझा बुझाकर कर इनकार परिवार का टीकाकरण करवाया गया। अधीक्षक डॉ सीपी सिंह ने बताया कि जो परिवार अपने बच्चों को नियमित टीकाकरण से मना कर रहे थे। ऐसे परिवारों को यूनिसेफ, बीआरटी, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित किया गया था। तथा एसडीएम अवधेश कुमार की मदद से टीकाकरण का इनकार करने वाले परिवारों के बच्चों का टीकाकरण कराया गया है। ऐसे परिवारों को बताया गया कि सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित, असरदार और निःशुल्क है।
पांच साल में सात बार लगता है टीका
डॉ सीपी सिंह ने बताया कि जीरो से दो वर्ष और महिलाओं को जो टीके लगाए जाते हैं, वे 12 बीमारियों से बचाते हैं। इसके लिए 10 टीके लगाए जाते हैं। पांच साल में सात बार टीकाकरण होता है। छूटे हुए बच्चे की पहचान करना बेहद आसान है। उनके अभिभावकों से सिर्फ इतना पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने अपने बच्चों का टीकाकरण कितनी बार कराया है। इससे यह पता चल जाएगा कि वह छूटे हुए लाभार्थी में आता है या नहीं। साथ ही सर्वे व अन्य माध्यमों से भी ऐसे लोगों की पहचान लगातार की जा रही है।