वाशिंगटन(अमेरिका):- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी के लिए कई छापेमारी की हैं। इन छापेमारियों में हजारों प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें अपराधी और गैर-अपराधी दोनों शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन ने इन छापेमारियों को “लक्षित प्रवर्तन अभियान” के रूप में वर्णित किया है जिसमें हिंसक गिरोह के सदस्यों और अन्य खतरनाक संदिग्धों की गिरफ्तारी पर जोर दिया गया है। संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भी इस अभियान में सहायता के लिए अतिरिक्त एजेंटों को तैनात किया है।
इन छापेमारियों के परिणामस्वरूप कई प्रवासी समुदायों में भय और चिंता का माहौल है। कई प्रवासी अपने काम पर जाने से बच रहे हैं या अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव करोलिन लेविट ने कहा है कि प्रशासन अपराधियों की गिरफ्तारी को प्राथमिकता दे रहा है लेकिन कोई भी अवैध प्रवासी “पहुंच से बाहर” नहीं है। ट्रंप प्रशासन की इन कार्रवाइयों को लेकर विवाद भी हो रहा है। कई लोगों ने इन कार्रवाइयों को अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया है जबकि अन्य लोगों ने इन्हें अवैध प्रवासन को रोकने के लिए आवश्यक कदम बताया है।इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी अलग-अलग है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने ट्रंप प्रशासन की इन कार्रवाइयों की आलोचना की है जबकि रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं ने इन्हें समर्थन दिया है। इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अवैध प्रवासन एक जटिल मुद्दा है जिसका समाधान आसान नहीं है। इस मुद्दे पर विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं लेकिन यह जरूरी है कि हम इस मुद्दे पर एक दूसरे के साथ सहानुभूति और समझ के साथ बातचीत करें।