मुंबई (महाराष्ट्र):- महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार के गठन की वैधता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएँ हुई हैं विशेष रूप से मतदाता सूची में जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान सरकार का गठन अवैध है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ की गई हैं जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए जबकि फर्जी नाम जोड़े गए जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
कांग्रेस के साथ-साथ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य घटक दलों ने भी इन आरोपों का समर्थन किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने कहा है कि वे इन अनियमितताओं की उच्च-स्तरीय जांच की मांग करेंगे और आवश्यक होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
वर्तमान सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित किए गए थे और कांग्रेस अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एमवीए के कई नेता भाजपा के संपर्क में हैं और पार्टी में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इन आरोपों की जांच के लिए चुनाव आयोग और न्यायालय का सहारा लेने की योजना बना रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि मतदाता सूची की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन आरोपों की जांच कैसे आगे बढ़ती है और इसका राज्य की राजनीतिक स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ता है।