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ममता कुलकर्णी का आध्यात्मिक सफर: बॉलीवुड से किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर तक

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने गृहस्थ जीवन का त्याग कर संन्यास ग्रहण किया और किन्नर अखाड़ा की महिला शाखा में महामंडलेश्वर के पद पर प्रतिष्ठित हुईं। इस अवसर पर उन्हें नया नाम ‘यमाई ममता नंद गिरि’ प्रदान किया गया।

ममता कुलकर्णी ने संगम में स्नान कर गंगा तट पर पिंडदान किया जो संन्यास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके पश्चात, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका पट्टाभिषेक किया गया। इस समारोह में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, और अन्य किन्नर महामंडलेश्वर उपस्थित थे।

ममता कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने 23 वर्ष पूर्व कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से दीक्षा ली थी। पिछले दो वर्षों से वह लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में थीं जिन्होंने उनकी तपस्या को समझा और स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने उनकी परीक्षा ली जिसमें वह उत्तीर्ण हुईं। उन्होंने कहा मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है। मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनाने का न्यौता मिला।

अपने फिल्मी करियर के बारे में ममता ने बताया कि उन्होंने 40-50 फिल्मों में अभिनय किया और जब उन्होंने फिल्म जगत छोड़ा तब उनके पास 25 फिल्में थीं। उन्होंने किसी परेशानी के कारण नहीं बल्कि आनंद की अनुभूति के लिए संन्यास लिया। उन्होंने कहा मुझे बॉलीवुड में वापस नहीं जाना था इसलिए 23 साल पहले मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया। अब मैं स्वतंत्र रूप से मध्यम मार्ग अपनाते हुए सनातन धर्म का प्रचार करूंगी।

ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़ा के मध्यम मार्गी होने के कारण इसमें शामिल होने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा किन्नर अखाड़ा के मध्यम मार्गी होने के कारण मैं इसमें शामिल हुई। ममता कुलकर्णी का यह निर्णय उनके आध्यात्मिक समर्पण और सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। बॉलीवुड से संन्यास लेकर किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बनने तक की उनकी यात्रा समाज के लिए एक प्रेरणा है।

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