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विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल को दी चुनौती, बोले- दिल्ली के विकास पर खुलकर हो बहस

नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा ने राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने के लिए आक्रामक रुख अपनाया है। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के विकास कार्यों पर केजरीवाल को खुली चुनौती दी है। उन्होंने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि यह चुनाव बदलाव का है और दिल्लीवासियों के लिए अब सही समय है जब वे दिल्ली की बदहाली केजरीवाल के झूठ और उनके भ्रष्टाचार को जवाब देंगे।

गुप्ता ने कहा दिल्ली में पिछले 10 सालों में जो हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। केजरीवाल का दावा था कि वे दिल्ली को स्वच्छ और विकसित बनाएंगे लेकिन हकीकत में यह शहर पूरी तरह से बिगड़ चुका है। उनके द्वारा किए गए वादों का कोई पालन नहीं हुआ और इस दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना भी हुआ। उन्होंने केजरीवाल के ‘झूठ’ और ‘नाटक’ की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब दिल्ली की जनता उनके धोखे को पहचान चुकी है और बदलाव की ओर बढ़ रही है।

विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के विकास कार्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा हम केजरीवाल से एक सार्वजनिक मंच पर दिल्ली के विकास कार्यों पर बहस करने की चुनौती देते हैं। वे जहां चाहें इस बहस को कर सकते हैं। हम यह साबित करेंगे कि दिल्ली के लिए भाजपा की नीतियां अधिक प्रभावी और लाभकारी हैं। गुप्ता ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उनके प्रशासन में केवल प्रचार और झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं किया गया है।

गुप्ता ने यह भी कहा कि भाजपा के पास दिल्ली के विकास के लिए ठोस योजना है जो ना केवल शहर की बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाएगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी कड़ी नकेल डालेगी। भाजपा नेता ने यह दावा किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीति साफ है वे केजरीवाल सरकार की खामियों और भ्रष्‍टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। गुप्ता ने दावा किया कि दिल्ली के लोग अब बदलाव के लिए तैयार हैं और भाजपा उन्हें एक मजबूत और साफ सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी बहसों में यह मुद्दे कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं और दिल्लीवासी किसे अपनी सरकार बनाने का मौका देते हैं।

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