भोपाल(मध्य प्रदेश):-मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पीथमपुर ले जाया गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें संतुष्टि है कि हाई कोर्ट ने माना है कि परिवहन उनके आदेश का हिस्सा था। उन्होंने आगे कहा कि हाई कोर्ट का कहना है कि वे सभी पक्षों को सुनने के बाद कचरे के निपटान पर फैसला लेंगे। इस फैसले के मद्देनजर 6 हफ्ते का समय दिया है जिसमें जिसे भी कुछ कहना है वे कोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोर्ट जो भी फैसला लेगा, वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने प्रदेश की जनता से अनुरोध किया है कि किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।इस बीच, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया है और कचरे को जलाने के खिलाफ नारे लगाए हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर को उच्चतम न्यायालय सहित न्यायालयों के निर्देशों के बावजूद भोपाल में यूनियन कार्बाइड स्थल को खाली न करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी।उच्च न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया तो उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कचरे में 60 प्रतिशत मिट्टी और 40 प्रतिशत नेफ्थॉल शामिल है जिसका उपयोग कीटनाशक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) बनाने के लिए किया जाता है और यह बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हैइस पूरे मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और कचरे का निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा।