इंदौर (मध्य प्रदेश):- आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शुक्रवार को इंदौर में आयोजित मालवा प्रांत के स्वर शतकम कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने संघ के कार्यों और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी प्रदर्शन के लिए काम नहीं करता बल्कि संघ का काम ही ऐसा होता है कि उसका प्रदर्शन होता है।
उन्होंने संघ के कार्यक्रमों के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा संघ में हम दंड और लाठी चलाना सीखाते हैं लेकिन यह प्रदर्शन या झगड़े के लिए नहीं सिखाते। अगर कभी ऐसी स्थिति आए तो यह कार्य आती है। लाठी चलाने से व्यक्ति में वीरता का विकास होता है और वह डरने से बचता है।
भागवत ने आगे कहा कि संघ के कार्यों से व्यक्तित्व में सुधार और सद्गुणों की वृद्धि होती है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान आनंद मठ उपन्यास का संदर्भ देते हुए कहा इसमें यह लिखा गया है- ऐ लाठी तुम्हारे दिन लद गए लेकिन शिक्षित हाथ में आने के बाद तुम कर नहीं पाओ ऐसा कोई काम नहीं। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने लोगों से संघ से जुड़ने का आह्वान किया ताकि समाज में अच्छे संस्कारों और वीरता का प्रचार-प्रसार किया जा सके।