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“मेरा परिसर, मेरा गौरव, मेरी जिम्मेदारी”: गोरखपुर विश्वविद्यालय में नई पहल

गोरखपुर(उत्तर प्रदेश):-दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और ज्ञानवर्धन को बढ़ावा देने के लिए “मेरा परिसर मेरा गौरव मेरी जिम्मेदारी” पहल की शुरुआत की है। इस पहल के अंतर्गत विभाग के शोधार्थियों ने एक-एक पौधा गोद लिया है जिसकी देखभाल का जिम्मा वह खुद उठा रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य विभाग को हरियाली से भरपूर और आकर्षक बनाना है।

पर्यावरण संरक्षण और ज्ञान का संगम

अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने इस पहल को और व्यापक बनाते हुए एक अनोखी परंपरा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विभाग में हर शोधार्थी जो अपनी पीएचडी का प्री-सबमिशन प्रेजेंटेशन देगाbवह स्वेच्छा से विभाग के पुस्तकालय को एक पुस्तक और विभाग को एक पौधा भेंट करेगा। यह कदम न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक होगा बल्कि विभाग के पुस्तकालय को समृद्ध करने का भी प्रयास है।

पुस्तकालय और हरियाली को समर्पित योगदान

प्रो. शुक्ला ने बताया कि विभागीय पुस्तकालय की नींव पूर्व छात्रों द्वारा रखी गई थी। अब इसे शोधार्थियों के योगदान से और मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों में जिम्मेदारी और जुड़ाव की भावना विकसित करती है।

कुलपति ने की सराहना

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने अंग्रेजी विभाग की इस अनोखी पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विभाग पूरे विश्वविद्यालय के लिए एक मिसाल बन रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और ज्ञान को साथ लेकर चलने का यह प्रयास सराहनीय और प्रेरणादायक है।

शोधार्थी सुप्रिया राय का योगदान

इस पहल के तहत आज विभाग की शोधार्थी सुप्रिया राय ने अपनी पीएचडी का प्री-सबमिशन प्रेजेंटेशन सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया। अपनी प्रस्तुति के बाद सुप्रिया ने एक खूबसूरत इनडोर पौधा विभाग को समर्पित किया और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी अपनी जूनियर ऋचा पल्लवी को सौंप दी। ऋचा ने इस जिम्मेदारी को खुशी-खुशी स्वीकार करते हुए इस परंपरा को आगे बढ़ाने का वादा किया। इसके अलावा, सुप्रिया ने पुस्तकालय के लिए एक मूल्यवान पुस्तक भी भेंट की।

विभाग में उत्साह और प्रेरणा का माहौल

इस अवसर पर पूरे विभाग में उत्साहपूर्ण माहौल रहा। शोधार्थियों ने इस नई पहल को लेकर गहरी रुचि और सराहना व्यक्त की। “हरियाली और ज्ञान” की इस अनोखी पहल को विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी अपनाने की उम्मीद की जा रही है।

प्रेरणादायक पहल की सराहना

अंग्रेजी विभाग का यह प्रयास न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि विद्यार्थियों को सामाजिक और शैक्षणिक जिम्मेदारियों से जोड़ने का भी एक प्रभावी तरीका है। इससे विभाग में हरियाली और ज्ञान का अद्भुत संतुलन स्थापित हो रहा है।हा है।

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