नई दिल्ली:- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने महिला सम्मान योजना के तहत हो रहे रजिस्ट्रेशन की जांच करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश इस योजना के प्रचार-प्रसार के दौरान हुए रजिस्ट्रेशन के आधार की जांच करने के लिए दिया गया है। उपराज्यपाल ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जो रजिस्ट्रेशन कार्य हो रहा है वह मान्य नियमों और प्रक्रियाओं के तहत हो।
दिल्ली सरकार ने इस जांच की जिम्मेदारी डिवीजनल कमिश्नरों को सौंप दी है। दिल्ली के सभी जिलों के डिवीजनल कमिश्नर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्रों में महिला सम्मान योजना के तहत किए जा रहे रजिस्ट्रेशन सही तरीके से हो रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि महिला सम्मान योजना के संबंध में कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिया जा रहा प्रचार भ्रामक है।
दरअसल बुधवार को दिल्ली सरकार ने महिला सम्मान योजना को लेकर एक चेतावनी जारी की थी। इस चेतावनी में कहा गया कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा दावा किया जा रहा है कि इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार का कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है और ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और महिला कल्याण विभाग ने कहा कि महिला सम्मान योजना का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है और इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन या आवेदन स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है। विभाग ने चेतावनी दी कि कोई भी राजनीतिक पार्टी जो इस नाम पर रजिस्ट्रेशन करवा रही है या जानकारी इकट्ठा कर रही है, वह धोखाधड़ी कर रही है और ऐसा करने का उसे कोई अधिकार नहीं है।
इस विवाद में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने इस पोस्ट में कहा कि महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर विपक्षी दल बुरी तरह से बौखला गए हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी इस मुद्दे पर हमला बोला है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों के साथ डिजिटली धोखाधड़ी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का ही विभाग इस योजना को लेकर जनता को चेतावनी दे रहा है। बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब कोई योजना आती है तो उसके लिए बजट तैयार किया जाता है, इसके बाद मंजूरी मिलती है और फिर नोटिफिकेशन जारी होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के दावों से जनता के साथ छल किया जा रहा है। इस पूरे मामले में उपराज्यपाल द्वारा दिए गए आदेशों का उद्देश्य दिल्ली की जनता को सुरक्षा प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी धोखाधड़ी इस योजना के नाम पर न हो।