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बिहार और झारखंड से घरों में काम करने के लिए बच्चों की तस्करी, कानपुर में मामला सामने

कानपुर (उत्तर प्रदेश):- कानपुर में मानव तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें बिहार और झारखंड से किशोरों और महिलाओं को घरेलू कामकाजी के लिए लाने की प्रक्रिया उजागर हुई है। पप्पू नामक एक एजेंट जो इन तस्करी रैकेट से जुड़ा हुआ है ने पुलिस को बताया कि यह एजेंट गरीब परिवारों से संपर्क कर उन्हें रोजगार का झांसा देकर उनके बच्चों को घरेलू कामकाजी के लिए बड़े शहरों में भेजते हैं।

पप्पू के अनुसार ये एजेंट काम करने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क करते हैं खासकर उन परिवारों से जिनमें ज्यादा बच्चे हों और जिनके पास रोजगार के अवसर न हों। ऐसे परिवारों से मुखिया के मार्फत संपर्क स्थापित किया जाता है और उन्हें काम करने के बदले मोटी रकम का लालच दिया जाता है। इसके बाद एजेंट उन बच्चों और महिलाओं को एजेंसी तक पहुंचाते हैं जो फिर उन्हें बड़े शहरों में घरों में काम करने के लिए भेज देते हैं।
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पप्पू को गिरफ्तार किया और अब अन्य एजेंटों की तलाश शुरू कर दी है। कानपुर पुलिस ने इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री मानवाधिकार आयोग बाल संरक्षण आयोग और महिला आयोग समेत अन्य संबंधित विभागों को भेज दिया है। एडीसीपी महेश कुमार ने बताया कि पप्पू से पूछताछ की जा रही है और यह जांच की जा रही है कि यूपी में इस तरह के कितने एजेंट सक्रिय हैं। साथ ही दूसरे जिलों की पुलिस की मदद लेकर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा लखनऊ पुलिस ने झारखंड से पकड़ी गई दो लड़कियों को बालिग होने के कारण छोड़ दिया है जबकि अन्य बच्चों की तलाश जारी है। पप्पू ने पुलिस को बताया कि एजेंट अपने संपर्क खत्म करने के बाद अपना फोन नंबर बदल लेते हैं जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है। इस मामले की जांच लगातार जारी है और पुलिस अन्य राज्यों में भी इस रैकेट के अन्य लिंक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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