नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM)शाहरुख पठान को अपना उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। शाहरुख पठान को दिल्ली में 2020 के दंगों में आरोपित किया गया था जब उन्होंने एक वीडियो में हथियार के साथ पुलिसकर्मियों का सामना किया था। इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है लेकिन अब उनकी राजनीतिक संभावनाओं पर चर्चा शुरू हो गई है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जामई ने शाहरुख पठान के घर पर उनकी मां से मुलाकात की और बाद में सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की जानकारी साझा की। शोएब जामई ने कहा कि वह शाहरुख पठान के परिवार के साथ संवाद कर रहे हैं और यह विचार किया जा रहा है कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी से टिकट दिया जाए।
शोएब जामई ने यह भी स्पष्ट किया कि टिकट देने या न देने का अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा “यह पार्टी के नेतृत्व का फैसला होगा कि शाहरुख पठान को चुनावी मैदान में उतारना है या नहीं। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं और इस मुद्दे पर सोच-विचार किया जा रहा है।
दिल्ली में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) का चुनावी अभियान खासतौर पर मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है और शाहरुख पठान का नाम इस संदर्भ में एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। वहीं शाहरुख पठान का नाम दिल्ली दंगों से जुड़ा होने के कारण इस मुद्दे पर समाज में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ लोग इसे पार्टी का एक जोखिम भरा कदम मानते हैं जबकि अन्य इसे एक मजबूत राजनीतिक संदेश के रूप में देखते हैं।
हालांकि, शाहरुख पठान के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही और उनकी विवादास्पद छवि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के लिए चुनावी फायदे और नुकसान दोनों के रूप में उभर सकती है। वहीं शोएब जामई ने यह भी कहा कि पार्टी पूरी सावधानी से इस मामले पर विचार कर रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस बीच दिल्ली दंगों के आरोपियों के खिलाफ अदालत में सुनवाई जारी है और शाहरुख पठान सहित कई आरोपियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) का यह कदम चुनावी रणनीति में एक नया मोड़ ला सकता है जो आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण हो सकता है।