लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब विपक्षी विधायकों ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब देने के बाद विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान आपत्तिजनक नारे भी लगाए गए जिससे सदन का माहौल पूरी तरह से गरम हो गया।
विपक्ष के विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा के विधायक बिना देखे-समझे किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर देते हैं। उनके इस बयान के बाद सपा और कांग्रेस के विधायक भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में हंगामे की स्थिति को बढ़ता देख स्पीकर सतीश महाना ने विपक्षी विधायकों को असंसदीय नारेबाजी से रोका लेकिन वे नहीं माने। इस पर स्पीकर ने सपा के विधायक अतुल प्रधान से कहा कि वे सबसे ज्यादा माहौल खराब कर रहे हैं और उन्हें सदन से बाहर जाने का आदेश दिया।
सपा विधायक अतुल प्रधान ने इस आदेश का विरोध किया और स्पीकर महाना के साथ तीखी बहस की। स्पीकर ने इस दौरान कहा कि वह प्रिविलेज के अंतर्गत उनकी सदस्यता रद्द करवा देंगे। इसके बाद उन्होंने मार्शल को आदेश दिया कि अतुल प्रधान को उठाकर सदन से बाहर फेंक दिया जाए। स्पीकर महाना ने कहा अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए बाहर किया जाता है। इसके बाद सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए गए थे जिनका जवाब देने में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्ष के सवालों का खंडन किया और सपा को निशाना बनाते हुए यह आरोप लगाया कि वे बिना किसी गंभीरता के मुद्दों पर हस्ताक्षर करते हैं। इस पर सपा विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी जिससे सदन का माहौल और भी गरम हो गया।
स्पीकर सतीश महाना ने हंगामे के बाद विपक्षी विधायकों को समझाने की कोशिश की और उन्हें मर्यादा में रहने की हिदायत दी लेकिन जब वे नहीं माने तो सपा विधायक को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लिया।