नई दिल्ली:- दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। अदालत ने साथ ही एएसआई को सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक निश्चित डेडलाइन भी निर्धारित कर दी है। इस आदेश के तहत जामा मस्जिद के संरचनात्मक और ऐतिहासिक पहलुओं का गहन निरीक्षण किया जाएगा।
हाईकोर्ट का यह आदेश उस वक्त आया जब मस्जिद के संरक्षण को लेकर कुछ मुद्दे सामने आए थे। जामा मस्जिद जो मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 1656 में बनवायी गयी थी भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों में शामिल है। एएसआई के अधिकारियों के अनुसार मस्जिद के कुछ हिस्सों में संरचनात्मक नुकसान हो सकता है जिसके चलते यह सर्वे जरूरी है।
इस फैसले से पहले एएसआई को जामा मस्जिद के निरीक्षण के लिए समय दिया गया था लेकिन समय सीमा समाप्त हो गई थी। अब अदालत ने एएसआई को काम पूरा करने के लिए और समय दिया है और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक विशेष डेडलाइन तय की है। अदालत ने इस मामले में एएसआई के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया है ताकि सर्वेक्षण में कोई देरी न हो और मस्जिद के संरक्षण की दिशा में कोई भी कदम उठाया जा सके।
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को जामा मस्जिद के संरक्षण और संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अदालत ने इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।