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गाजियाबाद बना देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, इंदिरापुरम ने दिल्ली को पछाड़ा; हालात भयावह

गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश):-  उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता चिंताजनक स्तर तक गिर चुकी है जिससे शहर में रहने वाले लोग सांस लेने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं। गाजियाबाद, जो हाल ही में देश के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में उभरा है में हवा में घातक प्रदूषण का स्तर बहुत खराब और आपातकालीन श्रेणी में पहुंच गया है। इसके अलावा गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके ने तो दिल्ली को भी पछाड़ते हुए प्रदूषण के मामले में अव्‍वल स्थान पर कब्जा कर लिया है जो स्थिति को और गंभीर बना रही है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर 300 से भी ऊपर चला गया है जो ‘very poor’ और ‘hazardous’ के स्तर को छूने के बराबर है। इसके चलते इंदिरापुरम जैसे इलाकों में हवा में धुंध और प्रदूषकों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि लोग घरों में रहकर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। इलाके में रहने वाले लोग सांस की समस्या, खांसी, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायत कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब हो रही है। इंदिरापुरम में स्थिति इतनी खराब है कि यहां की हवा ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली में हालात पहले से ही खराब थे, लेकिन अब गाजियाबाद और अन्य आसपास के इलाके दिल्ली को भी मात दे रहे हैं। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के कारण स्थानीय प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है और एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की है।

सांस संबंधी समस्याओं के अलावा प्रदूषण के कारण कोहरे की स्थिति भी बनी हुई है जिससे ट्रैफिक जाम और विजिबिलिटी की समस्या और बढ़ गई है। सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए उपायों की घोषणा की है जैसे निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध। इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो चुका है कि लोगों को दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और इस पर जल्द काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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