नई दिल्ली:- नई दिल्ली में आयोजित एजेंडा आजतक 2024 के पहले दिन का सबसे चर्चित सत्र रहा बिहार में का बा? जिसमें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी ने नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली गठबंधन और बार-बार बदलते विचारों पर सवाल उठाते हुए कहा हमारे चाचाजी हाईजैक हो चुके हैं। तेजस्वी ने नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा हम एक विचारधारा के लोग हैं लेकिन उनकी राजनीतिक चालों का कोई भरोसा नहीं। आज वे विपक्ष में हैं लेकिन कल किसके साथ होंगे कहा नहीं जा सकता।
तेजस्वी ने इशारों-इशारों में नीतीश कुमार पर बाहरी दबाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा नीतीश जी मेरे पिता के दोस्त हैं। मैं चाहता हूं कि वे सम्मानजनक राजनीति करें। लेकिन यह साफ है कि उन पर कुछ दबाव है। इस बयान ने यह संकेत दिया कि नीतीश की राजनीतिक रणनीति बाहरी ताकतों से प्रभावित हो सकती है।
तेजस्वी ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में डीएम के एक उम्मीदवार को थप्पड़ मारने की घटना का जिक्र करते हुए कहा सरकार की नीतियों में इतनी खामियां हैं कि प्रतिभाशाली युवा पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बिहार आज भी पिछड़ा हुआ है।
कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी ने आरजेडी की चुनावी तैयारियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा हमारी पार्टी हर वर्ग के लिए काम कर रही है। जनता का समर्थन हमारे साथ है। बिहार की जनता ने देख लिया है कि कौन उनके हक के लिए लड़ता है और कौन सिर्फ राजनीति करता है।
उन्होंने महागठबंधन को मजबूत बताते हुए दावा किया कि आगामी चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कड़ी शिकस्त दी जाएगी। तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था अब वक्त आ गया है, जब नया बीज जमीन में डाला जाए। तेजस्वी ने इसे नीतीश कुमार की राजनीतिक अनिश्चितता का प्रतीक बताया और कहा कि बिहार के लोगों को अब स्पष्ट नेतृत्व की जरूरत है।
यह बयानबाजी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार की राजनीति में गहमागहमी बढ़ा सकती है। तेजस्वी यादव ने जहां आरजेडी की मजबूती का दावा किया, वहीं नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष दबाव की बात कहकर उनकी राजनीति पर सवाल खड़े किए। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
तेजस्वी यादव के बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर जहां उन्होंने जनता के मुद्दों को उठाया वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया। आगामी चुनाव में यह बयान कितनी भूमिका निभाएगा यह समय ही बताएगा।