ब्रिस्बेन (ऑस्ट्रेलिया):- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट शनिवार से ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर शुरू होगा। इस बार सीरीज 1-1 की बराबरी पर है और दोनों टीमें इस मैच को जीतकर सीरीज में बढ़त हासिल करना चाहेंगी। यह मुकाबला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जो टीम यहां जीत दर्ज करेगी उसकी फाइनल में पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी। गाबा की पिच पर तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलने की उम्मीद है। गुरुवार को पिच पर हरी घास दिखाई दी जो तेज गेंदबाजों को अतिरिक्त उछाल और स्विंग देने में मदद करेगी। अगर शुक्रवार को घास नहीं काटी गई तो बल्लेबाजों के लिए पिच पर टिकना मुश्किल होगा। यहां पर्थ और गाबा की पिच का व्यवहार लगभग एक जैसा होता है जहां गेंद का उछाल बल्लेबाजों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
गाबा का मैदान ऑस्ट्रेलिया के लिए 32 वर्षों तक अजेय किला माना जाता था लेकिन 2020-21 में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने इसे ध्वस्त कर दिया था। उस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा था। अब भारतीय टीम एक बार फिर गाबा पहुंच चुकी है और इस मैच में अपनी पिछली जीत को दोहराने का लक्ष्य रखेगी। गाबा की पिच पर बल्लेबाजों को वेल लेफ्ट यानी गेंद छोड़ने की कला में माहिर होना पड़ेगा। इस पिच पर बाउंसर और स्विंग का सामना करना आसान नहीं होगा। बल्लेबाजों को संयम से काम लेना होगा और गेंदों को अच्छी तरह समझकर शॉट खेलने होंगे। भारतीय टीम को पहले पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा ताकि गेंदबाजों को मैच पर पकड़ बनाने का मौका मिले।
भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस समय 1-1 की बराबरी पर हैं। गाबा टेस्ट जीतने वाली टीम सीरीज में बढ़त बना लेगी और WTC फाइनल के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर लेगी। भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला इसलिए भी अहम है क्योंकि यह मैच न केवल सीरीज बल्कि प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी निर्णायक है।
ब्रिस्बेन का गाबा मैदान भारतीय टीम के लिए कठिन चुनौती पेश करेगा। तेज गेंदबाजों को मददगार पिच और ऑस्ट्रेलिया का आक्रामक गेंदबाजी आक्रमण भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा लेगा। हालांकि भारतीय टीम का हौसला और पिछली जीत का अनुभव उसे इस कठिन मुकाबले में मदद कर सकता है।