नई दिल्ली:-भारतीय प्रतिस्पर्धा नियामक ने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के विरुद्ध मामलों को तेजी से निपटाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यह कदम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उठाया गया है जो देश में प्रतिस्पर्धा कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
सीसीआई ने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच शुरू की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ विक्रेताओं को अनुचित लाभ प्रदान कर रही हैं और प्रतिस्पर्धा को कम कर रही हैं। हालांकि दोनों कंपनियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
सीसीआई ने अब उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें उसने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ मामलों को तेजी से निपटाने की मांग की है। सीसीआई का कहना है कि इन मामलों को जल्दी से निपटाने से प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह प्रतिस्पर्धा कानूनों के कार्यान्वयन और देश में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सीसीआई की भूमिका को प्रभावित करेगा।
मामले की पृष्ठभूमि
अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों ही भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी हैं। हालांकि दोनों कंपनियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ विक्रेताओं को अनुचित लाभ प्रदान कर रही हैं और प्रतिस्पर्धा को कम कर रही हैं।
सीसीआई ने इन आरोपों की जांच शुरू की थी और दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया था। हालांकि, दोनों कंपनियों ने इन आरोपों से इनकार किया है और सीसीआई के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
उच्चतम न्यायालय में याचिका
सीसीआई ने अब उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें उसने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ मामलों को तेजी से निपटाने की मांग की है। सीसीआई का कहना है कि इन मामलों को जल्दी से निपटाने से प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।
उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई जल्द ही शुरू होगी। इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह प्रतिस्पर्धा कानूनों के कार्यान्वयन और देश में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सीसीआई की भूमिका को प्रभावित करेगा।