नई दिल्ली:- देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों समेत सभी चुनावों को एक साथ करवाने के उद्देश्य से लाए गए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) विधेयक को गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई। सरकार इस विधेयक को अगले हफ्ते संसद में पेश कर सकती है। इस विधेयक के जरिए सरकार का उद्देश्य अगले 100 दिनों में शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है। इसके लिए सरकार इसे व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने की योजना बना रही है।
भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसे देशहित में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा बार-बार चुनाव करवाने से सरकारी खजाने पर बड़ा असर पड़ता है। इससे न केवल समय और धन की बर्बादी होती है बल्कि बार-बार चुनावी प्रक्रिया के चलते सरकारी कर्मचारियों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव होने से वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि होगी और लोकतंत्र मजबूत होगा।
क्या होंगे फायदे?
धन और समय की बचत:
बार-बार चुनावों पर खर्च होने वाला भारी धन बचाया जा सकेगा। चुनावों के दौरान कई महीनों तक प्रशासनिक व्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव भी कम होगा।
सरकारी कामकाज में सुधार:
चुनावी ड्यूटी में व्यस्त सरकारी कर्मचारी अपनी नियमित जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकेंगे।
वोटिंग प्रतिशत में सुधार:
बार-बार चुनाव कराने से जनता में मतदान के प्रति रुचि कम हो जाती है। एक साथ चुनाव होने से जनता को बार-बार मतदान के लिए समय निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस विधेयक पर गठित समिति की अध्यक्षता कर रहे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह विधेयक किसी एक दल के हित में नहीं बल्कि पूरे देश के हित में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को इस विधेयक पर आम सहमति बनाने की दिशा में काम करना होगा।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक को मोदी सरकार ने देशहित में एक क्रांतिकारी कदम बताया है। इससे जहां प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी वहीं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।