इस्लाबाद (पाकिस्तान):- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अगर पीसीबी टूर्नामेंट से हटने का फैसला करता है तो इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और अन्य क्रिकेट बोर्ड्स का ‘टोटल बायकॉट’ झेलना पड़ सकता है। साथ ही कानूनी मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है।
आईसीसी की शर्तों के अनुसार सभी सदस्य देशों को टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए “मेंबर्स पार्टिसिपेशन एग्रीमेंट (एमपीए)” पर हस्ताक्षर करना होता है। पीसीबी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत वह टूर्नामेंट से बिना ठोस कारण नहीं हट सकता। ऐसा करने पर न केवल आईसीसी को आर्थिक नुकसान होगा बल्कि आईसीसी द्वारा निर्धारित राजस्व का हिस्सा भी गंवाना पड़ेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईसीसी ने अपने प्रसारण समझौते में यह गारंटी दी है कि टूर्नामेंट में सभी योग्य टीमें हिस्सा लेंगी। पाकिस्तान के हटने की स्थिति में आईसीसी और प्रसारकों के बीच हुए समझौतों पर संकट खड़ा हो सकता है। इससे पीसीबी को भारी मुआवजा देना पड़ सकता है।
चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान में होना है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के चलते भारतीय टीम के पाकिस्तान दौरे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीसीबी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए आईसीसी से समय मांगा है।