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1 हजार जान लेने वाली खूनी सड़क ‘देसूरी की नाल’: पिकनिक पर जा रहे बच्चों की भी यहीं मौत; 14 खतरनाक मोड़—एरिया के नाम भी डराने वाले

माधोपुर (राजस्थान):- राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित देसूरी की नाल नामक सड़क को अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी एक खतरनाक मार्ग के रूप में जाना जाता है। यह सड़क विशेष रूप से अपने खतरनाक मोड़ों और कड़ी चढ़ाई-उतराई के लिए बदनाम है जो दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनती है।

सड़क के बारे में सबसे डरावनी बात यह है कि यह खतरनाक मोड़ों से भरी हुई है और इस पर लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस मार्ग पर 14 खतरनाक मोड़ हैं जिनमें से कुछ मोड़ इतने तेज और संकरे हैं कि यहां वाहन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं। इसके अलावा मार्ग का क्षेत्र भी ऊबड़-खाबड़ और जंगली इलाके में है जिससे वाहन दुर्घटनाएं और भी बढ़ जाती हैं।

इस खतरनाक सड़क पर हाल ही में हुई एक दुर्घटना ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। बच्चों से भरी एक पिकनिक पार्टी जब इस सड़क पर यात्रा कर रही थी तो अचानक एक मोड़ पर गाड़ी अनियंत्रित हो गई और एक गहरी खाई में गिर गई। इस दुर्घटना में कई बच्चों की मौत हो गई जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह सड़क किसी समय में पिकनिक और पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय थी लेकिन अब यह लोगों की जान लेने वाली खूनी सड़क के रूप में प्रसिद्ध हो गई है।

स्थानीय निवासी और यात्री अक्सर इस मार्ग को भूतिया रास्ता या मौत की सड़क के नाम से भी पुकारते हैं। राज्य सरकार और प्रशासन इस सड़क की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उपायों पर विचार कर रहे हैं लेकिन अब तक इस मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

सड़क के खतरनाक मोड़ों के नाम भी डराने वाले हैं जैसे काली घाटी सापला मोड़ और भूतिया पहाड़ी जो स्थानीय लोगों के बीच भय का कारण बने हुए हैं। इन मोड़ों पर दुर्घटनाओं के बाद कई बार क्षेत्रीय प्रशासन ने चेतावनियां भी दी हैं लेकिन घातक दुर्घटनाओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क की स्थिति सुधारने के लिए उचित तरीके से साइनबोर्ड लगाए जाने चाहिए और गाड़ियों की गति पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए। इसके साथ ही सड़क की मरम्मत और चौड़ीकरण की भी आवश्यकता है ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

साथ ही इस मार्ग को ‘खूनी सड़क’ के नाम से पुकारने वालों का मानना है कि अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह सड़क और भी ज्यादा जानलेवा साबित हो सकती है।

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