नई दिल्ली: घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न केवल मानसिक शांति और सुख-समृद्धि लाता है बल्कि जीवन में खुशहाली और सफलता भी सुनिश्चित करता है। वहीं अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है तो यह मानसिक तनाव, विवाद और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए कुछ विशेष संकेत दिए गए हैं जिनके माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि हमारे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ रहा है।
आइए जानते हैं घर में नकारात्मक ऊर्जा होने के 5 संकेत:
1. अचानक स्वास्थ्य समस्याएं
घर में नकारात्मक ऊर्जा का पहला संकेत अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं का रूप में दिखाई देता है। अगर घर के सदस्यों को बार-बार बीमारी थकावट या मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है तो यह संकेत हो सकता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ चुका है।
2. कभी न खत्म होने वाली क्लेश और झगड़े
अगर घर में हमेशा बहस, झगड़े और मनमुटाव होते रहते हैं तो यह भी नकारात्मक ऊर्जा का परिणाम हो सकता है। घर के सदस्य आपस में छोटी-छोटी बातों पर भी बहस करने लगते हैं तो यह संकेत है कि घर में नकारात्मक वाइब्स आ चुकी हैं।
3. अजीब सी गंध या वातावरण
कभी-कभी घर में अजीब सी बदबू या भारीपन महसूस होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा के संकेत हो सकते हैं। खासकर अगर घर में ताजगी और ताजे हवा का प्रवाह नहीं है तो यह घर में नकारात्मक प्रभाव की ओर इशारा करता है।
4. नींद में समस्या
घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से लोग रात में ठीक से सो नहीं पाते। अनिद्रा, बुरे सपने या नींद में बार-बार खलल पड़ना इस बात का संकेत हो सकता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा घुस चुकी है।
5. घर में अचानक टूट-फूट
अगर घर में अक्सर इलेक्ट्रॉनिक सामान, पाइपलाइन या फर्नीचर टूटने या खराब होने लगे तो यह भी नकारात्मक ऊर्जा के संकेत हो सकते हैं। घर की वस्तुओं का टूटना यह बताता है कि वहां नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हैं।
निवारण के उपाय:
घर की सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए पहले तो यह सुनिश्चित करें कि घर में साफ-सफाई हो और हवा का संचार सही तरीके से हो। इसके अलावा घर के हर कोने में नमक रखें, प्रतिदिन दीपक जलाएं और घर के भीतर खुशबूदार अगरबत्तियां या धूप का उपयोग करें। घर के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कुछ लोग क्रिस्टल और यंत्रों का भी इस्तेमाल करते हैं।
यह जानकारी वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है जो खासतौर पर भारतीय घरों में उपयोगी मानी जाती है। भारत में अधिकांश लोग अपने घर की सकारात्मकता और ऊर्जा के लिए इन पारंपरिक विधियों का पालन करते हैं।