महाराष्ट्र (मुंबई):- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और महायुति गठबंधन के अनुभवों पर खुलकर बात की। उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के स्वभाव के अंतर पर भी टिप्पणी की। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि शिंदे जी स्वभाव से भावुक हैं जबकि अजित दादा अधिक व्यावहारिक व्यक्ति हैं। सीएम ने कहा कि महायुति गठबंधन ने राज्य में स्थिरता लाने और विकास कार्यों को गति देने के लिए कड़ी मेहनत की है। हालांकि पिछले ढाई साल रोलर कोस्टर की सवारी की तरह रहे। उन्होंने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन में कोई बड़ी दरार नहीं है और न ही एकनाथ शिंदे किसी मुद्दे पर नाराज थे।
फडणवीस ने बताया कि एक गुट ऐसा था जो चाहता था कि शिंदे जी समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें लेकिन यह नाराजगी का कारण नहीं था। महायुति के भीतर कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं, और सब कुछ सामंजस्यपूर्ण तरीके से चल रहा है। फडणवीस ने शिंदे जी को एक भावुक नेता बताया जो अपनी भावनाओं को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं। दूसरी ओर अजित पवार को एक अधिक व्यावहारिक और निर्णय लेने में ठोस व्यक्ति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि यह गुण दोनों नेताओं को अलग-अलग परिस्थितियों में महत्वपूर्ण बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में कोई विशेष देरी नहीं हुई। यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी हुई और सभी पक्षों को प्रतिनिधित्व मिला। उन्होंने स्पष्ट किया कि महायुति गठबंधन के सभी घटक एकजुट हैं और राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
फडणवीस ने चुनावी जीत का श्रेय महायुति के मजबूत रणनीतिक दृष्टिकोण को दिया। उन्होंने कहा कि सभी घटकों ने मिलकर मेहनत की जिससे यह संभव हो सका। महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में जो उठापटक हुई उस पर सीएम फडणवीस के बयानों ने कई अफवाहों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने महायुति की मजबूती और एकता पर जोर देते हुए यह सुनिश्चित किया कि राज्य के विकास में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।