मुंबई(महाराष्ट्र):-भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को अपनी बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही एमपीसी ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करने का भी फैसला किया है जिससे यह 4 प्रतिशत हो गया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद, भारतीय शेयर बाजार में राहत भरा दिन रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में मामूली तेजी देखी गई। सेंसेक्स 6.83 अंकों की तेजी के साथ 62,433.82 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 5.40 अंकों की तेजी के साथ 18,497.90 पर बंद हुआ।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया है जो कि आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती करने से बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा। आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकिंग शेयरों में तेजी देखी गई। एक्सिस बैंक के शेयर 1.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,185 रुपये पर बंद हुए, जबकि एसबीआई के शेयर 0.9 प्रतिशत की तेजी के साथ 873 रुपये पर बंद हुए।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक विकास की दर इस वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो कि पहले के अनुमान 7.2 प्रतिशत से कम है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की दर इस वित्त वर्ष में 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है जो कि पहले के अनुमान 4.5 प्रतिशत से अधिक है।आरबीआई के इस फैसले के बाद, बाजार विश्लेषकों ने कहा कि यह फैसला आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती करने से बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा।
आरबीआई के इस फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में राहत भरा दिन रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में मामूली तेजी देखी गई। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह फैसला आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती करने से बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को समर्थन मिल