मस्कट (ओमान):- भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम ने 2024 के जूनियर एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को 5-3 से हराकर खिताब अपने नाम किया। ओमान के मस्कट में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में भारत ने एक रोमांचक मुकाबले में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराया और पांचवीं बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब जीता।
भारत की जीत की कहानी
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस फाइनल में शुरुआत से ही तीव्रता और प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। भारतीय टीम ने मैच की शुरुआत से ही आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया। पहले क्वार्टर में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ गोल करने की कोशिशें तेज की लेकिन पाकिस्तान की मजबूत रक्षा रेखा ने भारतीय हमलों को रोका। हालांकि दूसरे क्वार्टर में भारत ने अपनी गति बढ़ाई और पहले गोल की बढ़त बनाई।
भारत की ओर से पहले गोल की शुरुआत सलीम ने की इसके बाद गुरजिंदर सिंह और दीपक यादव ने क्रमशः शानदार गोल दागे। पाकिस्तान की टीम भी लगातार संघर्ष करती रही और तीसरे क्वार्टर में दो गोल करके मुकाबला 3-3 से बराबरी पर ला खड़ा किया। हालांकि भारत ने अपनी रणनीति को बदला और मैच के अंतिम समय में पाकिस्तान के खिलाफ दो और गोल दागकर जीत को सुनिश्चित किया।
भारत की ताकत
भारत के युवा खिलाड़ियों ने इस मैच में अपनी सामरिक समझ और तकनीकी कौशल का अद्वितीय प्रदर्शन किया। गोलकीपर संदीप और डिफेंडर आकाश और विकास कुमार ने अपनी भूमिका शानदार तरीके से निभाई जबकि मिडफील्डर रमनदीप और फारवर्ड सागर भी हमलों के प्रमुख भागीदार रहे। इस जीत से भारतीय हॉकी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत मिलते हैं खासकर इन युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर।
पाकिस्तान की चुनौती
पाकिस्तान ने भी कड़ी चुनौती पेश की लेकिन भारत के आक्रामक खेल के आगे वह अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने में असफल रहा। हालांकि पाकिस्तान के कप्तान अहमद ने अपने प्रयासों से टीम को मजबूत बनाए रखा लेकिन भारतीय टीम की गतिशीलता और दबाव ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया।
भारत की ऐतिहासिक जीत
इस जीत के साथ भारत ने पांचवीं बार पुरुष जूनियर एशिया कप का खिताब जीता है। इससे पहले भारत ने 1992, 2004, 2008 और 2015 में यह प्रतिष्ठित खिताब जीते थे। ओमान में मिली इस जीत ने भारतीय हॉकी टीम की ताकत को दुनिया के सामने एक बार फिर से प्रस्तुत किया है।
इस खिताबी जीत पर भारतीय टीम के कप्तान और कोच ने अपने खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण की सराहना की और इसे भारतीय हॉकी के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखा।