बदायूं (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश के बदायूं की जामा मस्जिद एक बार फिर विवादों में आ गई है। हाल ही में संभल की जामा मस्जिद पर हुए विवाद के बाद अब बदायूं की मस्जिद का मामला भी चर्चा में है। इस मुद्दे पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि बदायूं की जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर बताकर इसे निशाना बनाया जा रहा है।
बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर कोर्ट में वाद दायर किया गया है, जिसमें इसे एक पुराने मंदिर का स्थान बताया गया है। इस मामले पर शनिवार को सुनवाई हुई जिसमें मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से बहस शुरू की गई।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और उत्तर प्रदेश सरकार को 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्ववादी संगठनों की गतिविधियां देश के अमन और शांति के लिए खतरा बन रही हैं।
संभल में हिंसा के बाद बढ़ा मामला
संभल में जामा मस्जिद पर सर्वे को लेकर हुए विवाद के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है। ओवैसी ने इसे लेकर सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आने वाली नस्लों को एआई की पढ़ाई के बजाय एएसआई की खोदाई में व्यस्त कर दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना है।
असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए लिखा कि भारत के संविधान और 1991 के एक्ट का पालन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में निष्पक्षता बरतनी चाहिए और हिंदुत्ववादी संगठनों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।