इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश):- कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अहम सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि गृह मंत्रालय इस मामले पर विचार कर रहा है। याचिका में राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की गई है।
डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस.बी. पांडे ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित शिकायत पर गृह मंत्रालय आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हाईकोर्ट में यह याचिका कर्नाटक निवासी एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है और इस आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने अपने दावे को प्रमाणित करने के लिए कुछ गोपनीय दस्तावेजों का भी उल्लेख किया है।
इससे पहले जुलाई 2024 में इसी मामले पर याचिका को कोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता नागरिकता कानून के तहत सक्षम प्राधिकारी के पास शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके बाद शिशिर ने गृह मंत्रालय को दो बार शिकायत की लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
गृह मंत्रालय ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देगा। साथ ही मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि क्या राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के दावे में कोई सच्चाई है।
क्या है याचिका में आरोप?
याचिकाकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने के सबूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेठी के सांसद और विपक्ष के नेता के रूप में उनके पास भारतीय नागरिकता होना आवश्यक है। याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
कोर्ट ने गृह मंत्रालय से इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगले सुनवाई की तारीख तय होने तक इस मामले में राजनीतिक और कानूनी चर्चाओं का दौर जारी रहेगा। यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है और कांग्रेस तथा भाजपा के बीच नए विवाद का कारण बन सकता है। राहुल गांधी की ओर से अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।