नई दिल्ली:- महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हार के लिए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोपों पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया क्या अब यह तय करना एक पक्ष या व्यक्ति का अधिकार है कि सर्वोच्च न्यायालय को कौन से मामले सुनने चाहिए।
शिवसेना के आरोप क्या थे?
एमवीए की हार पर राउत ने कहा कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र के विधायकों की अयोग्यता पर दायर याचिकाओं पर फैसला नहीं सुनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह देरी राजनीतिक दलबदल को बढ़ावा देने का कारण बनी जिससे एमवीए की हार हुई। राउत ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा इतिहास कभी न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को माफ नहीं करेगा।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय संविधान और कानून के तहत मामलों का निपटारा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को राजनीति से अलग रखना चाहिए।
उन्होंने दो टूक कहा न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब न्यायपालिका और राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ रहा है खासकर उन मामलों में जिनका प्रभाव चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है।