रूस:-एक रूसी डिजर्टर ने रूसी सेना के युद्ध के राज खोले हैं। डिजर्टर ने बताया है कि वह रूसी सेना में एक अधिकारी थे और उन्होंने न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डिजर्टर ने बताया है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो न्यूक्लियर बेस को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार कर दिया गया था। उन्होंने बताया है कि इससे पहले केवल अभ्यास होते थे लेकिन युद्ध के दिन न्यूक्लियर हथियार पूरी तरह से तैयार थे।
डिजर्टर ने बताया है कि न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा में कई स्तर होते हैं। उन्होंने बताया है कि बेस के आसपास कई सुरक्षा घेरे होते हैं जिनमें सैनिक और पुलिस तैनात होते हैं। उन्होंने बताया है कि बेस के अंदर भी कई सुरक्षा उपाय होते हैं जिनमें बायोमेट्रिक पहचान और सीसीटीवी कैमरे शामिल होते हैं। डिजर्टर ने बताया है कि न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा में रूसी सेना के अलावा अन्य एजेंसियां भी शामिल होती हैं। उन्होंने बताया है कि इन एजेंसियों में एफएसबी (रूसी सुरक्षा सेवा) और एसवीआर (रूसी विदेशी खुफिया सेवा) शामिल होती हैं।
डिजर्टर के खुलासे से यह पता चलता है कि रूसी सेना न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेती है। उन्होंने बताया है कि न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा में कई स्तर होते हैं और यह सुनिश्चित किया जाता है कि बेस के अंदर केवल अधिकृत व्यक्ति ही प्रवेश करें। इस खुलासे से यह भी पता चलता है कि रूसी सेना न्यूक्लियर हथियारों के उपयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है। डिजर्टर ने बताया है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो न्यूक्लियर बेस को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार कर दिया गया था।इस प्रकार डिजर्टर के खुलासे से यह पता चलता है कि रूसी सेना न्यूक्लियर बेस की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेती है और न्यूक्लियर हथियारों के उपयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है।