महाराष्ट्र (मुंबई):- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के बैग की जांच पर सियासी बवाल मच गया है। ठाकरे ने जब अपने प्रचार दौरे के दौरान यवतमाल में चुनाव अधिकारियों द्वारा अपनी बैग की जांच किए जाने पर सवाल उठाए तो यह मुद्दा तूल पकड़ गया। शिवसेना (यूबीटी) ने आरोप लगाया कि यह एक प्रकार का भेदभाव है और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के बैग की भी ऐसी ही जांच की जाएगी?
चुनाव आयोग ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के विमान और हेलीकॉप्टर की जांच की जाती है। आयोग ने यह भी बताया कि पिछले चुनावों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विमानों और हेलीकॉप्टरों की भी जांच की गई थी। आयोग के सूत्रों ने यह जानकारी दी कि प्रवर्तन एजेंसियां सख्त SOP का पालन करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच समान रूप से की जाए।
चुनाव आयोग ने यह भी उल्लेख किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में भी ऐसी जांच की गई थी। 24 अप्रैल को भागलपुर जिले में नड्डा समेत अन्य प्रमुख नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच की गई थी और 21 अप्रैल को कटिहार में अमित शाह के हेलीकॉप्टर की भी SOP के तहत जांच हुई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी एक बयान में कहा था कि प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिए गए थे कि वे सभी नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच सुनिश्चित करें ताकि चुनाव के दौरान सभी को समान अवसर मिल सके और कोई भी नेता किसी प्रकार के अनुशासनिक उल्लंघन का दोषी न ठहरे।
इस विवाद को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने ट्विटर पर एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उद्धव ठाकरे चुनाव अधिकारियों से पूछते हुए नजर आ रहे हैं कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बैग की भी जांच की थी।