लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों की चौकीदारी के लिए पहली बार सभी स्ट्रांग रूम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) बेस्ड कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए शासन से सहमति मिल गई है। कैमरे लगाने के लिए यूपी बोर्ड को 25 करोड़ रुपये मिल गए हैं। दिसंबर में सेंटर निर्धारण होने के बाद इन कैमरों को स्ट्रांग रूम में लगा दिया जाएगा।
प्रदेश में पेपर लीक की बड़ी समस्या है। कड़ी चौकसी के बावजूद पेपर लीक हो जाता है। बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी में लगाए गए कुछ लोग ही पेपर लीक में संलिप्त होते हैं। इसे रोकने के लिए इंसानी व्यवस्था पर अब भरोसे की नहीं है। इसलिए अब तकनीक का प्रयोग करते हुए पेपर लीक को रोका जाएगा। पिछले वर्ष यूपी बोर्ड ने कंट्रोल रूम के जरिए तगड़ी निगरानी करते हुए पेपर लीक रोका था।
इस बार उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एआई बेस्ड कैमरों से यह काम किया जाएगा। वैसे एआई के प्रयोग को लेकर पिछले तीन वर्ष से मंथन चल रहा था। अफसर यह तय नहीं कर पा रहे थे इसका प्रयोग किस तरह करें। हर बार करोड़ों रुपये यूपी बोर्ड को दिए जाते लेकिन प्रयोग नहीं हो पा रहा था।
प्रदेश भर में आठ हजार से अधिक केंद्र बनेंगे
इस बार यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह की अगुवाई में फिर से एआई के प्रयोग पर मंथन हुआ। चूंकि स्ट्रांग रूप से ही पेपर लीक होता है। इसलिए स्ट्रांग रूम की निगरानी एआई बेस्ड कैमरों से करने का निर्णय हुआ। प्रदेश भर में आठ हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनेंगे। सभी केंद्र पर एक- एक स्ट्रांग रूम बनेगा और उसी में प्रश्न पत्र रखा रहेगा। उसकी निगरानी के लिए पहले भी कैमरा लगाया जाता था लेकिन अब एआई बेस्ड कैमरा लगेगा और उस पर 25 करोड़ रुपये खर्च होगा। यह सभी कैमरे यूपी बोर्ड के कंट्रोल रूम में लिंक रहेंगे।
स्ट्रांग रूम के खुलने और बंद होने के समय, उसके अंदर जाने वालों की संख्या आदि का डाटा एआई साफ्टवेयर में फीड कर दिया जाएगा। उससे कुछ भी कम ज्यादा हुआ तो उसका मैसेज बोर्ड के अफसरों के पास पहुंच जाएगा। मैसेज मिलते ही अफसर सक्रिय हो जाएंगे और पेपर लीक करने वाला पकड़ा जाएाग। अगर वहां बिजली भी गुल हुई तो उसकी भी सूचना बोर्ड को जाएगी।
इस तरह से प्रश्न पत्र की निगरानी होगी। ऐसे में किसी सेंटर से पेपर लीक हुआ तो उसे खोलने वाले तुरंत पकड़े जाएंगे। सचिव ने बताया कि पेपर लीक रुकने से नकल पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी।