नई दिल्ली:-भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की गई है जिसका उद्देश्य देश में ईवी उद्योग को बढ़ावा देना है। लेकिन अब एमजी मोटर्स के चीन कनेक्शन के कारण इस योजना के लिए पात्रता पर सवाल उठ रहे हैं।
एमजी मोटर्स एक ब्रिटिश कंपनी है लेकिन इसका अधिकांश मालिकाना हक चीनी कंपनी सीएआईसी मोटर्स के पास है। सीएआईसी मोटर्स चीनी सरकार की सहयोगी कंपनी है जो चीनी सरकार के लिए विभिन्न परियोजनाओं में काम करती है।
भारत सरकार ने पीएलआई योजना के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की हैं जिनमें से एक यह है कि कंपनी का अधिकांश मालिकाना हक भारतीय नागरिकों या कंपनियों के पास होना चाहिए। लेकिन एमजी मोटर्स के चीन कनेक्शन के कारण इस शर्त को पूरा करने में समस्या हो सकती है।
एमजी मोटर्स के चीन कनेक्शन के कारण विभिन्न संगठनों और राजनेताओं ने पीएलआई योजना के लिए इसकी पात्रता की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि चीनी सरकार की सहयोगी कंपनी द्वारा संचालित कंपनी को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
एमजी मोटर्स के चीन कनेक्शन के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा की भी चिंता है। चीनी सरकार की सहयोगी कंपनी द्वारा संचालित कंपनी के पास भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण डेटा और तकनीक हो सकती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
एमजी मोटर्स के चीन कनेक्शन के कारण पीएलआई योजना के लिए इसकी पात्रता पर सवाल उठ रहे हैं। भारत सरकार को इस मामले में सावधानी से निर्णय लेना चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए।
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