नई दिल्ली :- मध्य-पूर्व में दशकों से युद्ध में लगे दो दुश्मन – ईरान और इजराइल अब सीधा सैन्य संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। ईरान ने हाल ही में इजराइल के प्रमुख शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जिसके जवाब में इजराइल ने तेहरान समेत ईरान के कई शहरों पर हवाई हमले किए। यह स्थिति इस क्षेत्र में एक गंभीर और व्यापक युद्ध की संभावना को बढ़ा रही है। इस लेख में हम इन दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं और एक-दूसरे पर हमला करने की उनकी क्षमताओं का विश्लेषण करेंगे।
सैन्य शक्ति: ईरान बनाम इजराइल
यूनाइटेड किंगडम के थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) की रिपोर्ट द मिलिट्री बैलेंस 2023 के अनुसार दोनों देशों के पास प्रभावशाली सैन्य बल हैं परंतु उनकी संरचना और संसाधनों में महत्वपूर्ण अंतर है।
ईरान की सैन्य शक्ति
ईरान के पास कुल 6,10,000 सक्रिय सैन्यकर्मी हैं जिनमें से 3,50,000 सेना में 1,90,000 IRGC (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स) में, 18,000 नौसेना में 37,000 वायुसेना में और 15,000 एयर डिफेंस में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त ईरान के पास 3,50,000 की रिजर्व फोर्स भी है। ईरान में 18 साल से अधिक उम्र के पुरुषों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है। इसके पास 10,513 युद्धक टैंक 6,798 आर्टिलरी गन और 640 बख्तरबंद पर्सनल कैरियर्स हैं जो इसकी जमीनी ताकत को मजबूत बनाते हैं।
इजराइल की सैन्य शक्ति
इजराइल के पास 1,69,500 सक्रिय सैन्यकर्मी हैं जिनमें 1,26,000 सेना में, 9,500 नौसेना में और 34,000 वायुसेना में हैं। इजराइल के पास 4,65,000 की एक प्रभावशाली रिजर्व फोर्स है। इजराइल में पुरुषों और महिलाओं के लिए भी अनिवार्य सैन्य सेवा है। इसके पास 400 युद्धक टैंक, 530 आर्टिलरी गन और 1,190 बख्तरबंद पर्सनल कैरियर हैं, जो अपेक्षाकृत सीमित संख्या के बावजूद इसकी सामरिक क्षमताओं को समर्थन देते हैं।
सैन्य बजट और खर्च
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने 2023 में अपने सैन्य पर 10.3 बिलियन डॉलर खर्च किए थे जबकि इजराइल ने 27.5 बिलियन डॉलर का भारी खर्च किया। यह बजट अंतर स्पष्ट रूप से इजराइल की सैन्य शक्ति और तकनीकी श्रेष्ठता का संकेत देता है जो उसे विशेष रूप से हवाई और मिसाइल युद्ध के क्षेत्र में प्रमुख बनाता है।
वायु सेना: शक्ति और कमजोरियां
ईरान
ईरान की वायुसेना के पास 312 लड़ाकू विमान और IRGC के पास 23 विमान हैं। इसके अलावा वायुसेना के पास दो और IRGC के पास पांच हमलावर हेलीकॉप्टर हैं। हालांकि ईरान की वायुसेना पुराने उपकरणों पर निर्भर है और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण उसे तकनीकी विकास में कठिनाइयां होती हैं।
इजराइल
इजराइल के पास 345 लड़ाकू विमान और 43 हमलावर हेलीकॉप्टर हैं। इजराइल को अमेरिकी समर्थन प्राप्त है और उसके पास पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं जिन्हें ट्रैक करना ईरानी वायु रक्षा प्रणाली के लिए कठिन है। इजराइल की वायु सेना आधुनिक उपकरणों से लैस है जो उसे वायु युद्ध में निर्णायक बढ़त देता है।
नौसेना शक्ति
ईरान
ईरान की नौसेना के पास 17 पनडुब्बियां, 68 गश्ती और तटीय लड़ाकू जहाज, 7 कोरवेट, 12 लैंडिंग जहाज और 11 लैंडिंग क्राफ्ट हैं। ये सभी सामरिक हथियार और संसाधन उसकी नौसेना की क्षमता को दर्शाते हैं। ईरान की नौसेना में मुख्य रूप से घरेलू उत्पादित या रूसी उपकरण शामिल हैं जो उसे एक मजबूत क्षेत्रीय शक्ति बनाते हैं।
इजराइल
इजराइल की नौसेना अपेक्षाकृत छोटी है जिसमें 5 पनडुब्बियां और 49 गश्ती और तटीय लड़ाकू जहाज शामिल हैं। हालांकि इजराइल की नौसेना को अमेरिकी नौसेना से समर्थन प्राप्त है जो इसे आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों और सामरिक उपकरणों की सुविधा प्रदान करता है। इजराइल के पास समुद्री क्षेत्र में अमेरिका का समर्थन भी है जो किसी भी खतरे की स्थिति में निर्णायक साबित हो सकता है।
एयर डिफेंस सिस्टम
इजराइल
इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम “आयरन डोम” पर निर्भर करता है जो आने वाले प्रोजेक्टाइल को पहचानने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही “डेविड स्लिंग” और “एरो” सिस्टम भी शामिल हैं, जो मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम हैं। आयरन डोम सिस्टम कई वर्षों से इजराइल के शहरों को मिसाइल हमलों से बचाने में प्रभावी साबित हुआ है।
ईरान
ईरान के पास सतह से हवा में मार करने वाली कई मिसाइल प्रणालियां हैं जैसे कि रूसी S-200 और S-300, और स्वदेशी बावर-373। इसके अतिरिक्त, ईरान ने फरवरी में अज़रखश नामक एक नया एयर डिफेंस सिस्टम भी पेश किया है। हालांकि ईरान के पास अमेरिकी या इजराइली रक्षा प्रणाली के समान अत्याधुनिक तकनीक नहीं है जो उसकी एयर डिफेंस क्षमता को सीमित करती है।