सोना और चांदी में निवेश ने पिछले एक साल में शानदार रिटर्न दिया है। जहां सोने पर 17 प्रतिशत रिटर्न मिला है वहीं चांदी पर 26 प्रतिशत का मोटा फायदा हुआ है। इसके विपरीत म्यूचुअल फंड में केवल 25 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली। बैंक की एफडी की तुलना में सोना और चांदी निवेशकों को काफी बेहतर रिटर्न दे रहे हैं जहां एफडी पर अधिकतम 8.5 फीसदी ब्याज मिलता है।
सोने और चांदी के दाम सितंबर में थोड़े गिरावट के बाद फिर तेजी से बढ़े हैं। मंगलवार को सोने का भाव 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव एक लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया जो अब तक का नया रिकॉर्ड है। पिछले एक साल में सोने के दाम में 17,700 रुपये और चांदी के दाम में 27,000 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि निवेशकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हुई है।
सराफा बाजार में सोने और चांदी की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण कुल व्यापार मात्रा में कुछ कमी जरूर आई है लेकिन टर्नओवर बढ़ा है। पहले प्रतिदिन औसतन 35 किलो सोना और आभूषण बिकते थे जो अब घटकर 30 किलो प्रतिदिन हो गए हैं। हालांकि उच्च कीमतों की वजह से टर्नओवर में वृद्धि हुई है। मौजूदा टर्नओवर लगभग 25 करोड़ रुपये प्रतिदिन का है जो दिवाली के दौरान बढ़कर 125 करोड़ रुपये प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है।
उप्र सराफा एसोसिएशन के मंत्री राम किशोर मिश्रा ने जानकारी दी कि सोने और चांदी के दाम में पिछले एक महीने में ही बड़ी तेजी आई है। चांदी के दाम में 9,100 रुपये प्रति किलो और सोने के दाम में 4,100 रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सोना और चांदी निवेश पर एफडी की तुलना में कहीं बेहतर रिटर्न मिल रहे हैं। एफडी में वरिष्ठ नागरिकों को भी अधिकतम 8.5 प्रतिशत का ब्याज मिलता है जबकि चांदी में 26 प्रतिशत और सोने में 17 प्रतिशत रिटर्न मिल चुका है।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक सोने और चांदी के बढ़ते दामों को देखते हुए अभी निवेश करना सही समय नहीं है। उन्होंने यह संभावना जताई कि 2025 तक चांदी का भाव एक लाख 15 हजार रुपये प्रति किलो और सोने का भाव 85 से 86 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। इसलिए निवेशकों को फिलहाल इंतजार करने की सलाह दी जा रही है।