हरियाणा की पिंकी ने अपनी जिंदगी की शुरुआत गलियों में भीख मांगकर की थी लेकिन आज वह एक सफल डॉक्टर हैं। उनकी कहानी हमें यह याद दिलाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कुछ भी असंभव नहीं है।
पिंकी का जन्म हरियाणा के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता की मृत्यु जब वह महज 5 साल की थी तभी से उनकी मां ने उन्हें और उनके भाइयों को पाला। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि पिंकी को भीख मांगनी पड़ी।
लेकिन पिंकी ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मां से वादा किया कि वह अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएगी। पिंकी ने अपनी शिक्षा जारी रखी और जल्द ही उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से स्कूल में टॉप किया।
पिंकी की प्रतिभा और मेहनत को देखकर एक स्थानीय एनजीओ ने उन्हें छात्रवृत्ति देने का फैसला किया। इस छात्रवृत्ति की मदद से पिंकी ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और डॉक्टर बनने के सपने को पूरा किया।
आज पिंकी एक सफल डॉक्टर हैं और वह अपने परिवार और समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने अपनी कहानी को साझा करते हुए कहा “मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हमेशा अपने सपनों पर विश्वास किया और मेहनत की।”
पिंकी की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि अगर हम अपने सपनों पर विश्वास करें और मेहनत करें तो कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करने से न हारें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें।