नई दिल्ली:- दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या को लेकर आईआईटी(IIT) दिल्ली के एक अध्ययन ने चौंकाने वाले नतीजे पेश किए हैं। इस अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली की हवा में 25-40% प्रदूषण उन स्रोतों से होता है जिन्हें अभी तक नजरअंदाज किया गया है।
आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में वायु प्रदूषण के स्तर का अध्ययन किया और पाया कि घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए जलने वाले ईंधन निर्माण सामग्री और औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलने वाले धुएं के अलावा कई अन्य स्रोत भी हवा में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।
इन नजरअंदाज किए गए स्रोतों में से कुछ प्रमुख हैं:
– घरेलू जलने वाले ईंधन जैसे कि लकड़ी कोयला और केरोसीन
– व्यावसायिक उपयोग के लिए जलने वाले ईंधन जैसे कि डीजल जेनरेटर
– निर्माण सामग्री जैसे कि सीमेंट और रेत
– औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलने वाले धुएं
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर और अध्ययन के नेता डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा “हमारे अध्ययन से पता चलता है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार स्रोतों की संख्या बहुत अधिक है। हमें इन सभी स्रोतों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि हम दिल्ली की हवा को स्वच्छ बना सकें।”
इस अध्ययन के नतीजों को देखते हुए दिल्ली सरकार और पर्यावरण विभाग को इन नजरअंदाज किए गए स्रोतों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को नए नियम बनाने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए नए उपाय करने होंगे।