Dastak Hindustan

अमेरिका का हिंद महासागर में नया सैन्य अड्डा, चीन पर नजर रखने की रणनीति

अमेरिका ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए एक नया सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना बनाई है। यह सैन्य अड्डा ऑस्ट्रेलिया के कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह पर बनेगा जो मलक्का जलडमरूमध्य के पास स्थित है। इस इलाके से होकर चीन अपने आधे से ज्यादा तेल का आयात करता है जो इसे एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र बनाता है। इस सैन्य अड्डे का उद्देश्य न केवल चीनी पनडुब्बियों की निगरानी करना है बल्कि जरूरत पड़ने पर चीन की ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करना भी है।

कोकोस द्वीप समूह का रणनीतिक महत्व

कोकोस द्वीप समूह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में करीब 3,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां की कुल आबादी मात्र 600 है। अपने छोटे आकार के बावजूद यह द्वीप समूह हिंद महासागर के मलक्का जलडमरूमध्य के बेहद करीब स्थित है  जो चीन के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है। चीन अपने आधे से अधिक तेल का आयात इसी रास्ते से करता है  जिससे इस द्वीप का सामरिक महत्व और भी बढ़ जाता है। अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर चीन पर दबाव बनाने की योजना में है।

अमेरिका की योजना

अमेरिका के सैन्य अधिकारी इस द्वीप समूह पर मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का मूल्यांकन कर रहे हैं। यहां से अमेरिकी सेना चीन की पनडुब्बियों की गतिविधियों पर नजर रख सकेगी और चीन को व्यापारिक मार्गों में रुकावट डालने की स्थिति में भी पहुंच सकेगी। इस कदम से अमेरिका न केवल चीन की समुद्री गतिविधियों पर अंकुश लगाएगा बल्कि ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर अपने क्षेत्रीय हितों की सुरक्षा भी करेगा।

चीन की नौसैनिक गतिविधियों का बढ़ता प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपनी नौसैनिक क्षमता में भारी वृद्धि की है और हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाया है। इससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के हितों पर खतरा मंडराने लगा है। चीन की नौसेना की बढ़ती गतिविधियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को एक तनावपूर्ण क्षेत्र बना दिया है और अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाकर इसका जवाब देना चाहता है।

क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर

इस सैन्य अड्डे से अमेरिका को हिंद महासागर में रणनीतिक बढ़त मिलेगी। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे न केवल चीन के विस्तारवादी कदमों पर रोक लगेगी बल्कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों को भी मजबूत सुरक्षा सहयोग प्रदान कर सकेगा।

 

अमेरिका का कोकोस द्वीप समूह पर सैन्य अड्डा चीन की समुद्री गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा। इससे चीन की पनडुब्बियों और उसके तेल आयात के मार्गों पर नियंत्रण किया जा सकेगा जिससे हिंद महासागर में शक्ति संतुलन पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *