उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछड़ा वर्ग समुदाय की भूमिका सबसे अहम होती है जिसकी आबादी लगभग 40 फीसदी तक मानी जाती है। निषाद समुदाय के लोगों का दावा है कि पिछड़ी आबादी में उनका हिस्सा 18 फीसदी के लगभग है। पूर्वांचल की अलग-अलग विधानसभा सीटों पर निषाद समुदाय (निषाद, केवट, मल्लाह और बिंद) 10 हजार से 40 हजार वोटों तक की भागीदारी रखते हैं। इसी अनुमानित संख्या के आधार पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भाजपा से अपने लिए दो दर्जन से ज्यादा सीटें देने का दबाव बना रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी निषादों की मांगों को लगातार उठा रही हैं और धीरे-धीरे समाज में पैठ बनाने की कोशिश कर रही हैं। आगामी चुनाव में यह वर्ग किसकी नैया पार लगाएगा, यह देखने वाली बात होगी।भाजपा की यह रणनीति इस वर्ग को उसके साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।