नई दिल्ली :- हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित की सजा को 354 एवं 324 में परिवर्तित किया है। आरोपित को सत्र न्यायालय से साल 2003 में दुष्कर्म के आरोप में 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी। कांकेर जिला अंतर्गत निवासी कक्षा छठवीं की छात्रा दिसंबर 2000 को स्कूल से लौटने के बाद गांव की अन्य सहेलियों के साथ लकड़ी लेने जंगल गई थी।
उसी समय आरोपित सुरेश साहू आया और कच्ची लकड़ी क्यों तोड़ रहे हो कहा। इस पर लड़कियों ने सूखी लकड़ी लेने की बात कही और डरकर गांव की ओर भागीं। उसी समय आरोपित ने पीड़िता का हाथ पकड़ लिया एवं दांत से गाल को काटकर बलपूर्वक दुष्कर्म किया। गांव वालों को जानकारी मिलने पर वे मौके में गए तो आरोपित भाग गया। स्वजनों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मेडिकल जांच के उपरांत आरोपी के खिलाफ आइपीसी की धारा 376 (1) एवं 324 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में चालान पेश किया।
मामले की सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपित को धारा 376 में 10 वर्ष कैद एवं धारा 324 में तीन महीने की सजा सुनाई। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अरोपित ने साल 2003 में हाई कोर्ट में अपील पेश की। हाई कोर्ट ने साक्ष्य एवं मेडिकल रिपोर्ट व पीड़िता सहित अन्य गवाहों के बयान का परीक्षण में पाया कि आरोपित ने दुष्कर्म का प्रयास एवं गाल को दांत से काटने के कारण धारा 324 का दोषी होना पाया।