नई दिल्ली :- वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अबतक 67,690 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश मिला है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि मार्च, 2024 के अंत तक इसमें कुल 14,043 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया गया है। आर्थिक समीक्षा कहती है कि आवेदकों ने 1.48 लाख रोजगार सृजन का प्रस्ताव किया है। 31 मार्च, 2024 तक इसमें से 28,884 नौकरियों का सृजन हो चुका है।
अभी तक इस योजना के तहत 85 आवेदकों को मंजूरी मिली है। वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना का बजटीय परिव्यय योजना 2022-23 से 2026-27 तक 25,938 करोड़ रुपये है। इस योजना को ‘चैंपियन ओईएम’ प्रोत्साहन योजना और कलपुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना में बांटा गया है। इसके अलावा, सरकार ने मई, 2021 में 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ अत्याधुनिक रसायन सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
आर्थिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
* वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 से सात प्रतिशत रहने का अनुमान, जबकि 2023-24 में यह 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार का अभूतपूर्व तीसरा लोकप्रिय जनादेश राजनीतिक तथा नीतिगत निरंतरता का संकेत देता है।
* अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू स्तर पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले तत्वों ने आर्थिक वृद्धि को सहारा दिया।
* भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत तथा स्थिर स्थिति में है, जो भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने में उसकी जुझारू क्षमता को दर्शाता है।
* वैश्विक महामारी के प्रभावों से पूरी तरह निकलने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी।
* व्यापार, निवेश तथा जलवायु जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाना असाधारण रूप से कठिन हो गया है।
* अल्पकालिक मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान अनुकूल है, लेकिन भारत को दलहनों में लगातार कमी और परिणामस्वरूप मूल्य दबाव का सामना करना पड़ रहा है।