हाथरस (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस हादसे पर कहा, “आप जानते हैं कि हाल ही में हाथरस में एक घटना हुई। घटना में जिन लोगों ने जान गंवाई, उनको मैं श्रद्धांजलि देती हूं। लेकिन इसके अलावा, जब हम शिक्षा देने का कार्य करते हैं, तो मेरा मानना है कि हमें लोगों के सामने ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए कि जिसकी वजह से ऐसे हादसे हों। जब कोई यह कहता है कि ‘मेरी चरणरज ले लो और इसे अपने माथे से लगाओ, तो तुम्हारे सारे दुख और दर्द दूर हो जाएंगे’, क्या वास्तव में ऐसा होता है? अंधश्रद्धा बढ़ाना और लोगों के सामने ऐसी बातें कहना, यह भी एक गुनाह है और मेरा मानना है कि उन्हें इसके लिए सज़ा होनी चाहिए।”
हम प्रयास कर रहे है कि अंध श्रद्धा में से लोग मुक्त हो जाए। उन्होंने ऐसी भीड़ और हादसे को साजिश बताया। उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रधानमंत्री आते हैं तो हमें लोगो को इक्कठा करना पड़ता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भोलेबाबा के सत्संग में मची भगदड़ के दौरान मारे गए 123 लोगो को श्रद्धांजलि दी।
आनंदीबेन पटेल ने शिक्षा को लेकर कहा कि मैं अंग्रेजी में नहीं पढ़ी हूं। फिर भी आगे बढ़ी हूं। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि वह अपनी बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाएं।बेटियों को पढ़ाएंगे तो सजा का भी उत्थान होगा। जब में किसी यूनिवर्सिटी में मेडल देने जाती हूं तो 80 प्रतिशत बेटियां मेडल पाती हैं। बेटियां देश का भविष्य हैं। किसी भी अंधविश्वास में न पड़ें। बेटियां घर का काम भी करती है और पढ़ाई भी करती हैं। बेटियां देश का भविष्य है। किसी भी अंधविश्वास में न पड़ें। अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। साथ ही आज बोल कर जा रही हूं, आज से दस साल बाद एक समय ऐसा आएगा, जब सरकारी विभागों में कुल पदों में 80 प्रतिशत पर महिला बैठी होगीं।