नई दिल्ली:- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भ्रांति फैलाई गई है कि रिमांड का समय बढ़ाया गया है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) में रिमांड की अवधि 15 दिन ही है। 60 दिन के अंदर एक या दो टुकड़ों में 15 दिन का रिमांड लिया जा सकता है। पूरा कानून तमिल में होगा। कार्यवाही भी तमिल में होगी। अगर कानून के नाम को लेकर भी कोई विरोध है तो मिलकर करें। मुख्यमंत्री या सांसद किसी ने भी न मुझसे समय मांगा है और न कोई मिलने आया। फिर भी मैं सभी से अपील करता हूं आपकी आपत्तियों को लेकर मुझे मिलें।”
आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है। यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जा रहा है। ‘दंड’ की जगह अब ‘न्याय’ होगा। देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा। पहले, केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब, पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी।’ मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि ये तीनों कानून के लागू होने के बाद सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी। ‘