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हिंदुस्तान में हम एक भी गरीब नहीं रहने देंगे- राजनाथ सिंह

रायपुर (छत्तीसगढ़):- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव ने उनका स्वागत किया। रायपुर में किसान महाकुंभ को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”25 करोड़ लोग गरीबी के संकट से बाहर आ चुके हैं। यह मैं नहीं बल्कि नीति आयोग कह रहा है। इस बार आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनाइए हिंदुस्तान में हम लोग एक भी गरीब नहीं रहने देंगे।”

मैं छत्तीसगढ़ की समस्त जनता का अभिनंदन करता हूं। विधानसभा चुनावों में आपने भाजपा की स्पष्ट बहुमत की सरकार बना कर कांग्रेस के कुशासन को समाप्त कर दिया है। उसका नतीजा यह हुआ है कि जो छत्तीसगढ़ विकास की पटरी से उतर चुका था, आज सौ दिनों के भीतर ही पटरी पर वापिस आ गया है।

आज विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ एक नई भाजपा सरकार, एक आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में काम कर रही है। इस छत्तीसगढ़ को भाजपा ने बनाया था और भाजपा ही इसे संवारने का भी सामर्थ्य रखती है।

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। किसान का सामर्थ्य, किसान का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकालने की ताक़त रखता है। इसलिए हमारी सरकार पूरे  देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मोदीजी के शासनकाल में क़रीब पचीस करोड़ लोग ग़रीबी रेखा से बाहर निकल आयें है। यह मैं नहीं नीति आयोग कह रहा है। एक बार और केंद्र में सरकार बनने पर हम एक भी व्यक्ति को ग़रीबी रेखा से नीचे नहीं रहने देंगे।

इस समय फर्टिलाइजर की क़ीमतें दुनिया में तो काफ़ी ऊँची हैं मगर इसका असर हमारे मोदीजी ने किसानों पर नहीं पड़ने दिया। यूरिया की जिस बोरी के लिए आप 300 रुपए से भी कम देते हैं उसी बोरी के लिए अमेरिका के किसानों को 3000 रुपए से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। अब हमारी सरकार ने मोटे अनाजों को नई पहचान दी है। साल 2014 में कृषि बजट केवल 25 हजार करोड़ रूपये था जो बढ़कर 1 लाख 25 हजार करोड़ हो गया है। इसी तरह 10 सालों में किसानों के लिए बैंक से आसान लोन में 3 गुना वृद्धि दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदीजी भी मोटा अनाज खाते हैं, मैं भी इसका उपयोग करता हूँ। पिछले साल जब भारत में G20 समिट हुआ तो दुनिया के बड़े बड़े नेताओं ने भी मोटे अनाज से बना भोजन किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक किसानों ने 30 हज़ार करोड़ रुपए प्रीमियम भरा। इसके बदले उन्हें डेढ़ लाख करोड़ रुपए का क्लेम मिला है।

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