शिमला (हिमाचल प्रदेश):- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “राज्यसभा चुनाव के बाद जो हुआ उसके बाद अटकलें लगने लगी की हिमाचल प्रदेश की सरकार गिरने वाली है। मेरे पास मेरे ही इस्तीफे की खबर आ गई, यह एक षडयंत्र के तहत खबर चल रही थी ताकि वोटिंग के समय हमारी संख्या कम हो जाए। मैं पूछता हूं भाजपा किस बहुमत की बात कर रही है? मार्शल के साथ 15 विधायकों ने दुर्व्यवहार किया जिसके लिए उन्हें निष्कासित किया गया। 9 विधायक जो थे उन्हें तो किसी ने निष्कासित नहीं किया था, तो वे अंदर क्यों नहीं आए थे। हमने ईमानदारी से सरकार चलाई है। हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार निश्चित तौर पर चलेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “राज्यसभा के चुनाव में पार्टी को सीटें खोने का अफसोस है। पार्टी विधायकों से बात की गई है और इसे लेकर आपस में एक सहमति बनी है। 6 मेंबर की कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। कॉर्डिनेशन कमेटी में मुख्यमंत्री, PCC प्रेसिडेंट, उप मुख्यमंत्री और अन्य सदस्य रहेंगे।”
हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “उनके उम्मीदवार कुछ एथिक्स की बात कर रहे थे तो इस पर मैं कहूंगा कि वो एथिक्स की परिभाषा सीख के आए। जब उनकी हार हो जाती है तो EVM पर दोष लगा देते हैं और जब उनकी जीत हो जाए तो हम तो EVM पर दोष नहीं लगाते। आप देश के समग्र रुझान को देखें, न कि हिमाचल प्रदेश में क्या हो रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी। विपक्षी दलों में से एक के मुख्य सचेतक ने इस्तीफा दे दिया। चारों ओर परिवर्तन की लहर चल रही है।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, ” देवभूमि हिमाचल जैसे राज्य में किस प्रकार से राजनीतिक घटनाक्रम घटे हैं। अगर कांग्रेस के पास बहुमत होता तो विधानसभा के ऊपर हमने फाइनेंशियल बिल पर जो डिविजन बोर्ड मांगा था वह क्यों नहीं दिया गया।”