नई दिल्ली :- देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.7 से 6.9 फीसदी रह सकती है। यह दूसरी तिमाही के 7.6 फीसदी के मुकाबले कम है। वृद्धि दर में कमी की वजह कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। एसबीआई रिसर्च की बुधवार को जारी रिपोर्ट में दूसरी तिमाही में वृद्धि दर में तेजी का प्रमुख कारण सरकार के खर्च और विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रही। रिपोर्ट में चौथी तिमाही में वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है। सरकार बृहस्पतिवार को जीडीपी के तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी करेगी।
वाणिज्यिक उधारी सितंबर तिमाही में 11 फीसदी बढ़ी
वाणिज्यिक उधारी सितंबर तिमाही में 11 फीसदी बढ़कर 28.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। ट्रांसयूनियन सिबिल के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल मूल्य में 37 फीसदी हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र का है। 28 फीसदी हिस्सा ट्रेड का और पेशेवर सेवाओं एवं अन्य क्षेत्रों का हिस्सा 35 फीसदी है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वाणिज्यिक क्षेत्रों में कर्ज मांग बढ़ी है। पोर्टफोलियो वृद्धि और बेहतर क्रेडिट प्रदर्शन के जरिये आर्थिक विकास की संभावनाओं के कारण ऋणदाता अब छोटे उद्योगों को ज्यादा उधारी देने पर विचार कर सकते हैं।