नई दिल्ली :- गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। मिशन सफल होने पर भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही यह काम कर पाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और मिशन गगनयान की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मिशन पर जाने वाले चार यात्रियों को भी सम्मानित किया। इससे पहले अक्तूबर 2023 में अंतरिक्ष एजेंसी ने गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) को लॉन्च किया था। हाल के दिनों में चंद्रयान-3 की चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग दुनियाभर में चर्चा का विषय रहे। अब इसरो की नजर गगनयान मिशन पर है जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
पहले जानते हैं कि गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। इस मिशन को 2024 के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। इसी साल मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
मिशन में अभी क्या हुआ है?
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (27 फरवरी) को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की और मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को सम्मानित किया। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।