नई दिल्ली :- अनंत अंबानी ने कहा कि हमारे पास ग्रीन के जूलॉजिकल रिसर्च एंड रेस्क्यू सेंटर के लिए कुल 3,000 लोग काम कर रहे हैं। उसमें से, हमारे पास लगभग 20-30 प्रवासी हैं। सभी प्रवासी शिक्षक या प्रोफेसर की भूमिका में हैं।
रिलायंस फाउंडेशन ने गुजरात के जामनगर में ‘वंतारा’ नामक एक व्यापक पशु बचाव, देखभाल, संरक्षण और पुनर्वास कार्यक्रम की घोषणा की है। यह भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। वंतारा कार्यक्रम के बारे में बताते हुए अनंत अंबानी कहा, “हमने कोविड के चरम में वन्यजीव बचाव केंद्र की शुरू की। हमने 600 एकड़ का जंगल बनाया है। हमने हाथियों के लिए एक संपूर्ण आवास बनाया और 2008 में, हमने अपने पहले हाथी को रेसक्यू किया। ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर 2020 में शुरू हुआ।”
अनंत अंबानी ने कहा कि हमारे पास ग्रीन के जूलॉजिकल रिसर्च एंड रेस्क्यू सेंटर के लिए कुल 3,000 लोग काम कर रहे हैं। उसमें से, हमारे पास लगभग 20-30 प्रवासी हैं। सभी प्रवासी शिक्षक या प्रोफेसर की भूमिका में हैं। हम युवा स्नातकों को लेते हैं जिन्होंने पोषण विशेषज्ञों की तरह विभिन्न पृष्ठभूमि से अपने पशु चिकित्सा स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की है। हमारे पास कुछ मानव डॉक्टर भी हैं जो जानवरों के बारे में बेहद भावुक हैं।
रिलायंस फाउंडेशन के निदेशक अनंत अंबानी कहा, “हमने 200 से अधिक हाथियों को बचाया है और उन्हें देश के सभी हिस्सों से यहां लाया है। हम यहां हाथियों की सेवा करते हैं। यह कोई प्राणि उद्यान नहीं बल्कि ‘सेवाालय’ है। 600 एकड़ क्षेत्र को हाथियों के प्राकृतिक आवास के रूप में विकसित किया गया है।
रिलायंस फाउंडेशन के वंतारा कार्यक्रम के बारे में अनंत अंबानी ने कहा कि मुझे ऐसा करने की प्रेरणा अपनी मां से मिली। हिंदू धर्म में कहा गया है कि जानवर देवताओं को प्रिय होते हैं। इसने मुझे इस पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र को खोलने के लिए भी प्रेरित किया।
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