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बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले बदल सकती है तस्वीर

पटना (बिहार):- 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने वाला है। उससे पहले बिहार में संभावनाओं की सियासत को हवा मिल रही है। भाजपा और जदयू का दावा है कि एनडीए में सबकुछ ठीक है। वहीं राजद का दावा कर रहे हैं कि जदयू के 17 विधायक लापता हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी पटना में ही अपने सभी विधायकों को रहने की हिदायत दी है। वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस के विधायकों ने हैदाराबाद में डेरा डाला हुआ है। सियासी दांवपेंच के बीच सूत्रों के हवाले से यह ख़बर है कि जदयू के 1 और भाजपा के 2 विधायक इस्तीफ़ा दे सकते हैं।

इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है कि ‘इंडिया गठबंधन’ की तरफ़ से अगर उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मिलेगा तो अपनी पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। जदयू के एक विधायक ने तो खुलेआम लोकसभा चुनाव लड़ने की बात तक कह डाली है।

भाजपा के दो विधायक भी जाति आधारित गणना के बाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। ऐसे में अगर भाजपा की तरफ़ से उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट का आश्वासन नहीं मिलता है तो, वह पार्टी से किनारा कर सकते हैं।

सियासी गलियारों में भी यह चर्चा के है कि इन तीन विधायकों को विपक्षी गठबंधन की तरफ़ लोकसभा टिकट का ऑफर मिलता है तो बिहार में खेला होना मुमकिन है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (राजद, नेता) ने भी यह कहा कि फ़्लोर टेस्ट के लिए फुलफ्रूफ़ प्लान लिए बैठे हैं।

सियासी जानकारों का भी मानना है कि राजद इस बार आसानी से सत्ता हाथ से जाने देने के मूड में नहीं है। महागठबंधन की तरफ़ से अगर सही बार्गेनिंग हुई तो राजद सत्ता में वापिस आ सकती है। अब देखना यह होगा कि 12 फरवरी को बिहार में क्या सियासी समीकरण बनता है।

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